चमोली/ जिले के देवाल में पिछले दस वर्षों से ट्राली में हिचकोले खाते गुजर रही है ग्रामीणों की जिंदगी, जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधि सोए हैं कुम्भकरणी नींद में।

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि चमोली

देवाल/ चमोली जिले के देवाल विकास खंड के गांव ओडर के ग्रामीण की जिन्दगी विगत 10 सालों से इलैक्ट्रिक हाइड्रो ट्राली के सहारे हिचकोले खाते हुए पिंडर नदी से आवाजाही कर गुजर रही है। आज तक यहा झूला पुल नहीं बनने से ग्रामीण में मायूस है।

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वर्ष 2013 में आई दैविक आपदा में पिंडर नदी का जल स्तर बढ़ने से सिलगी से ओडर गांव को जोड़ने वाला झूला पुल बह गया था। पुल बहने के छह महीने बाद लोनिवि थराली ने बहे हुए पुल की जगह पर हाइड्रोलिक ट्राली का निमार्ण किया। कुछ वक्त तक ट्राली सही चली लेकिन उसके बाद अक्सर खराब ही रहने लगी कई बार ग्रामीण घंटों तक ट्राली में फंस जाते हैं। फिर विभाग ट्राली को ठीक करता है। यह सिलसिला लगातार चलते आ रहा है। ट्राली में बार-बार आ रही खराबी को देखते हुए ग्रामीण हर वर्ष पिंडर नदी का जलस्तर कम होने के बाद नदी पर श्रम दान करके लकड़ी के कच्चे पुल का निर्माण करते हैं। और नौ महीने तक इसी कच्चे पुल से आवाजाही करते हैं। मानसून के आते ही जुलाई में नदी का पानी बढ़ने से लकड़ी का पुल बह जाता है पिछले दस वर्ष से यहां ऐसा ही चलता आ रहा है।

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 पुल के बहने से रैन, पलवरा, लिगडी, हडाप, थलियापातल, दावों, वजई बमगन, के साथ ही कुमाऊं क्षेत्र की चार हजार की आबादी की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। ग्रामीण लम्बे वक्त से शासन प्रशासन से झूला पुल बनाने की मांग करते आ रहे हैं। अब वल्ड बैंक ने पुल बनाने के लिए वित्तीय स्वीकृति दी है। चार जून 2023 को टेंडर भी पड़ गया है। अब कहीं जाकर ग्रामीणों की आश जगी है। परन्तु अभी तक पुल का निमार्ण कार्य शुरू नहीं होने से लोगों में नाराजगी है।

क्या कहते है क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि

पिछले दस वर्षों से ओडर सहित एक दर्जन गांव आदिम युग में जीने को मजबूर हैं। सबसे ज्यादा परेशानी शादी विवाह में होती है। बाराती और वर बंधू को ट्राली से गुजरना पड़ता है आवश्यक सामग्री ले जाने में दिक्कतें होती है।

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विभाग को चाहिए कि जल्द पुल का निर्माण शुरू करे। विभागीय अधिकारियों का तर्क

ओडर झूला पुल का सात करोड़ 62 लाख का टेंडर हो गया है। 120 मीटर स्पान का पुल बनना है। ठेकेदार को जल्द ही निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
विरेन्द्र सिंह बसेडा सहायक अभियंता लोनिवि थराली।

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