चमोली, पानी और सड़क नहीं तो वोट नहीं ग्रामीणों ने किया त्रिस्तरी पंचायत चुनाव का बहिष्कार।

न्यूज 13 प्रतिनिधि अरुण मिश्रा चमोली

चमोली/ जिले के ग्राम सभा तल्ला मोख के तीन तोक – चकलाखेत, चाँचड़ी मल्ला और बारों-की लगभग 70% आबादी आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। विकास की छांव से कोसों दूर ये गांव अब प्रशासनिक उदासीनता से परेशान हो चुके हैं। विकास खंड और जिला मुख्यालय के नजदीक होने के बावजूद आज तक यह पूरा क्षेत्र सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाया जिससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।

यह भी पढ़ें 👉 मुख्यमंत्री धामी ने दायित्व धारियों की दुसरी लिस्ट की जारी 18 लोगों को दी गई जिम्मेदारी।

अब सरकारी तंत्र की अनदेखी के खिलाफ ग्रामीणों ने “रोड नहीं तो वोट नहीं” मुहिम छेड़ दी है। ग्रामीणों ने आगामी त्रिस्तरीय पंचायती चुनावों का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि जब तक पूरे ग्राम सभा के तीनों तोकों को सड़क मार्ग से नहीं जोड़ा जाता तब तक वे किसी भी चुनाव में भाग नहीं लेंगे।

पानी की किल्लत से भी परेशान ग्रामीण

केवल सड़क ही नहीं गांव में पानी की भी जबरदस्त किल्लत है। जल आपूर्ति की मौजूदा व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है जिससे गर्मी के मौसम में हालात और बिगड़ सकते हैं।

यह भी पढ़ें 👉 चमोली, जिले के थराली में भारतीय सेना के जवान की सड़क दुर्घटना में हुई मौत पत्नी घायल एक साल पहले हुई थी शादी।

ग्रामीणों का आरोप है कि पेयजल योजना के तहत बिछाई गई पाइपलाइन अपर्याप्त है और जल आपूर्ति सुचारू नहीं हो पा रही है।
ग्रामीणों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार और प्रशासन अब भी नहीं चेता तो आने वाले वक्त में यह आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है।

यह भी पढ़ें 👉 उत्तराखंड में यहां परिवहन निगम की बस ने रौंदा बाइक सवार को बाइक सवार की हुई दर्दनाक मौत।

उनका साफ संदेश है-पहले सड़क और पानी की सुविधा दो उसके बाद वोट की बात करो। 70% आबादी ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया से सीधा अलग होने का ऐलान कर दिया है। क्या सरकार और प्रशासन इस गूंजती आवाज को सुनेंगे या फिर ग्रामीणों को अपने अधिकारों के लिए और एसे ही पहाड़ जैसा संघर्ष करना पड़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *