हल्द्वानी, रनसाली रेंज में खैर की लकड़ी तस्करी का मामला, 15 वर्षों से एक ही सर्किल में अपना सिक्का जमाए बैठा वन क्षेत्राधिकारी दबाने में जुटा मामले को, वाइल्डलाइफ प्रमुख से मिले गुज़र।
हल्द्वानी, रनसाली रेंज में खैर की लकड़ी तस्करी का मामला, 15 वर्षों से एक ही सर्किल में अपना सिक्का जमाए बैठा वन क्षेत्राधिकारी दबाने में जुटा मामले को, वाइल्डलाइफ प्रमुख से मिले गुज़र।
हल्द्वानी/ रनसाली रेंज में तस्करों और वन कर्मियों की मिली भगत से बेशकीमती लकड़ी को काटने और तस्करी प्रकरण का मामला मीडिया में सुर्खियों में बना हुआ है मामला मीडिया में आने पर पीसीसीएफ ने जांच के आदेश दिए हैं परन्तु विभाग के कुछ जिम्मेदार अधिकारी इस प्रकरण पर लीपा पोती करने में लगे हुए हैं।
मामला मीडिया में आने के बाद गुज्जर समुदाय के लोगों ने घटना की शिकायत देहरादून पीसीसीएफ से करने पहुंच गए लेकिन पीसीसीएस के नहीं मिलने पर उन्होंने घटना की जानकारी और ज्ञापन प्रमुख वाइल्डलाइफ समीर सिन्हा को देखकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।
प्रमुख वन्यजीव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि वन विभाग के अधिकारी वन तस्करी की शिकायत का संज्ञान लेने के बजाय उल्टा शिकायतकर्ता को ही धमकाने और उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे है। 17 जुलाई को रनसाली रेंज में बेशकीमती एक दर्जन से अधिक पेड़ों को तस्करों ने वन कर्मियों के साथ मिली भगत करके तस्करी करने में लगे हुए थे लेकिन मीडिया ने उनकी पोल खोल दी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक वन विभाग के कुछ कर्मचारी और अधिकारी मामले की लीपापोती करने में लगे हुए हैं।
यही नहीं सर्किट में तैनात एक चर्चित रेंज दबाव और विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ साठ गांठ कर मामले को दबाने की कोशिश में लगे हुए हैं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चर्चित वन क्षेत्राधिकारी पिछले 15 सालों से एक ही सर्किल में अपनी तैनाती लेकर अपना सिक्का जमाए हुए हैं और हमेशा चर्चाओं में बना रहता हैं ऊंची पहुंच रखने वाले वन क्षेत्राधिकारी अब कुछ अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर जांच के मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है।