चौखुटिया/ मासी के ऐतिहासिक,सास्कृतिक व व्यापारिक सात दिवसीय मेले का आगाज रविवार देर शाम रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ। देर शाम सल्ट के मेलार्थियों का जत्था ढोल नगाड़ों और निशाणों के साथ मासी पहुचा। मासी पहुचने पर सल्ट के मेलार्थियों का कनौणी व मासीवाल आल ने मासी से एक किमी पहले भब्य स्वागत किया मेले का विधिवत शुभारंभ सल्ट से पहुंचे जनप्रतिनिधियों व मेला समिति पदाधिकारियों विधायक मदन बिष्ट ने संयुक्त रूप से किया।
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मासी में आयोजित होने वाला सोमनाथ मेला बैशाख अतिंम सोमवार को शुरू होता है रविवार को सल्ट क्षेत्र के मेलार्थी पारंमपरिक वाद्य यंत्रों के साथ मासी पहुचे | भूमियाँ मंदिर में दर्शन कर सल्ट के अथितियों को भूमियाँ बाबा की जयकारों के साथ घोड़ो में बैठाकर मेला स्थल तक लाये | यहां पर दोनों आलों से जुड़े प्रतिनिधियों ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया गया। मेला प्रांगण में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। सल्ट के जत्थे में चाय विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष दर्जा राज्य मंत्री महेश्वर मेहरा,मानिला मंदिर समिति अध्यक्ष नंदन सिंह मनराल, पूर्व जिला पंचायत नारायण सिंह रावत सहित विभिन्न गांव से जुड़े हुए थोकों के ग्रामीण पहुचे।
सल्ट के लोगों का स्वागत मेला समिति अध्यक्ष गोपाल मासीवाल, विपिन शर्मा,कान्ता रावत,व्यापार संघ अध्यक्ष गिरीश आर्या,शकर बिष्ट , संतोष मासीवाल ,चन्दन बिष्ट,नंद किशोर, महेश लाल वर्मा,भगवत सिंह रावत,चंदन रावत,सुभाष बिष्ट, गिरधर बिष्ट, गजेंद्र बिष्ट,अरविन्द बिष्ट,शंकर जोशी, सत्येन्द्र प्रकाश रोशन,रामस्वरूप मासीवाल, दीपा मासीवाल,हेम गौड आदि ने किया मेले संस्कृति व परंपरा के ध्वज वाहक
मासी सल्टिया सोमनाथ मेले का विधिवत शुभारंभ देर सायं चाय विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष महेश्वर सिंह मेहरा व उनके साथ सल्ट से पहुंचे प्रतिनिधियों तथा मेला समिति के पदाधिकारियों ने संयुक्त रुप ने किया।अपने सम्बोधन में मेलों को हमारी संस्कृति व परंपरा का ध्वज वाहक बताया।
तथा सोमनाथ मेले को ऐतिहासिक ,व्यापारिक व वर्षों से हमारी साँस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण बताया। मेला समिति पदाधिकारियों ने सल्ट के प्रतिनिधियों व मेलार्थियों का धन्यवाद करते हुए वर्षों से चली आ रही है परंपरा को निभाने में सहयोग देने के लिए आभार जताया। अंधड के साथ हुई बारिश
सल्टिया मेले के दिन बारिश का होना शुभ माना जाता है | राज्य आन्दोलनकारी भगवतसिंह रावत ने बताया कि सोमनाथ के मौके पर होने वाली बारिश को स्थानीय भाषा में सोमनाथी (चाव) के नाम से जाना जाता है | इस बारिश से खरीफ की फसल की बुआई स्थानीय काश्तकार करते हैं। जिसमें मडूवा, झोगरा आदि फसलों की बोआई पहाड़ी क्षेत्रों में होती है।इसी बारिश के बाद इन फसलों पर अंकुर आना भी शुरू होता है। रविवार को सल्टिया के साथ यहां बारिश का होना अच्छा शुभ संकेत पुराने बुजुर्ग भी बता रहे हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ देर रात तक झोडों भगनौल, चाचरी की रही धूम।
चौखुटिया, मेला मंच पर विभिन्न कलाकारों,स्कूली बच्चों ने अपनी प्रस्तुति देकर खूब तालिया बटोरी,साथ ही बुजुर्ग कलाकार भवानी राम की टीम ने झोड़े,भगनौल, चाचरी गाकर मेलार्थियों का मनोरजन किया। विभिन्न गांवों से पहुंची महिला टीमों द्वारा भी झोड़ों की सुंदर प्रस्तुति दी गई। वहीं देर शायद सोमनाथेश्वर मंदिर के पास रामगंगा नदी तट पर गंगा आरती हुई।