निकाय चुनाव में बीजेपी की बड़ी मुश्किलें भाजपा विधायक के बेटे व भाई सहित कई हुए बागी अनुसासन का ढोल पीटने वाली भाजपा की बागियों ने खोले दी पोल।

न्यूज 13 प्रतिनिधि देहरादून

देहरादून/ उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए निकाय चुनाव चुनौतीपूर्ण होने जा रहे हैं। नगर निगम, नगर पालिका, और नगर पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए भाजपा के 20 से ज्यादा नेताओं ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ नामांकन दाखिल किया है। उत्तरकाशी, टिहरी, बड़कोट, कर्णप्रयाग, दुगड्डा सहित कई निकायों में बागियों ने नामांकन वापस नहीं लिया। एसे में भाजपा के लिए यह निकाय चुनाव केवल प्रशासनिक चुनौती नहीं बल्कि पार्टी के अंदर अनुशासन बनाए रखने की बड़ी परीक्षा बन गई हैं।

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भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व की सारी कोशिशें हुईं नाकाम

महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बगावत कर्ण प्रयाग पालिका में पार्टी प्रत्याशी गणेश शाह के खिलाफ विधायक भूपाल राम टम्टा के बेटे जय प्रकाश चुनाव मैदान में हैं। इसी प्रकार नौगांव में पूर्व विधायक राजकुमार के भाई यशवंत कुमार ने भी अपनी जिद नहीं छोड़ी और पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव में डटे हैं। दुसरी ओर रामनगर में भाजपा से बागी होकर निर्दलीय मैदान में उतरे 38 वर्षों से भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र शर्मा ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया।

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नाम वापसी के दिन भर कई बड़े नेता नरेंद्र शर्मा को मनाने के लिए ढूंढते रहे परन्तु नरेंद्र शर्मा परिवार सहित भूमिगत होकर 5 बजे बाहर निकलकर पत्रकार वार्ता की और कहा कि वह पूरे दमखम से चुनाव लड़ेंगे।इसी प्रकार पिथौरागढ़ में प्रमिला वर्मा, उत्तरकाशी में भूपेंद्र चौहान, टिहरी में विक्रम सिंह कठैत व अनुसुइया नौटियाल ने भी नामांकन वापस नहीं लिया। पौड़ी में भाजपा की तीन महिला कार्यकर्ताओं कुसुम चमोली, प्रियंका थपलियाल और बीना भंडारी भी मैदान में जमी हुई हैं।

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दुगड्डा में भावना चौहान पर भी पार्टी नेताओं की मान-मनव्वल का जादू नहीं चल पाया। इनके अलावा श्रीनगर नगर निगम में एक, मुनिकी रेती, बड़कोट नगर पालिका में एक-एक, बड़कोट निकाय में छह बागियों के मैदान में डटे होने से पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सहित सांसदों, मंत्रियों, और विधायकों ने बागियों को मनाने के लिए प्रयास किए परन्तु सफलता हाथ नहीं लगी।

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अब पार्टी ने जिलाध्यक्षों से बागियों की सूची मंगाई है और अनुशासनहीनता के आरोप में उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की तैयारी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा जो कार्यकर्ता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ डटे हैं उन पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई होगी और उन्हें छह वर्ष के लिए निष्कासित किया जाएगा।

 कांग्रेस में भी बगावत की स्थिति

भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस भी बागियों की समस्या से जूझ रही है। कांग्रेस में बागियों की संख्या 25 से 30 के बीच बताई जा रही है जिससे पार्टी की रणनीति पर असर पड़ रहा है। पिथौरागढ़ में विधायक मयूख महर ने अपना स्वतंत्र प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है जबकि पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी की नाराजगी भी सार्वजनिक हुई है। अल्मोड़ा में 30-35 वर्षों से पार्टी से जुड़े रहे बिट्टू कर्नाटक ने पार्टी को अलविदा कह दिया। उधर रामनगर में पार्टी दो धड़ों में बंटकर दो प्रत्याशियों के साथ चुनाव मैदान में जोर-आजमाइश कर रही है।

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