अल्मोड़ा/ उत्तराखण्ड में मूल निवास और शसक्त भू कानून की माँग को लेकर हो रहा आंदोलन ने तेजी से फैलता जा रहा है 11 फरवरी को अल्मोड़ा जिले के स्वतंत्रता सेनानियों की धरती देघाट और नई टिहरी से धात लगेगी इस रैली में प्रदेश भर से राज्य आंदोलनकारी,छात्र संगठन,सामाजिक संगठन सामिल होंगे।
आंदोलनकारी पहाड़ी आर्मी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन अब राज्य आन्दोलन की तरह पर आगे बढ़ रहा है । क्रांतिकारियों की धरती है, देघाट और टिहरी में अब पुनः मूल निवासियों के अधिकारों के आंदोलन का बिगुल बजेगा।
उन्होंने कहा इस राज्य में मूल निवासियों के अधिकारों पर हो रहा कुठाराघात बिल्कुल बर्दाश्त नही किया जाएगा मूल निवास प्रमाण पत्र की व्यवस्था खत्म कर स्थाई निवास की व्यवस्था से कुमाऊं रेजिमेंट और गढ़वाल रेजिमेंट में हमारे युवाओं के फैजी बनने का अपना धूमिल हो गया है बाहर से आए 40 लाख से अधिक लोगो ने पहाड़ी युवाओं के हक़ में डाका डाला है हमारी मांग है कि समूह ग ,समूह घ की भर्ती 100 प्रतिशत मूल निवासियों के लिए आरक्षित की जाय और सरकारी परियोजनाओं में मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाय।
उन्होंने कहा की राज्य आंदोलन से ही उत्तराखण्ड के जल जंगल जमीनों पर मूल निवासियों के अधिकारों की बात होती थी, परंतु यह इस राज्य का दुर्भाग्य रहा कि राज्य बनने के 23 साल बाद भी राज्य का मूल निवासी अपने ही राज्य में दूसरे दर्जे का नागरिक बनने की कगार में है ।
हरीश रावत ने कहा देहरादून बागेश्वर ,हल्द्वानी भिकियासैंण में हुए विशाल प्रदर्शन यह बताने को काफी है कि उत्तराखण्ड राज्य का मूल निवासी अपने अधिकारों को लेकर कितना सजग हो चुका है और जब तक वह अपने अधिकारों को लेगा नही तब वह किसी भी हालत में चुप नही बैठेंगे