अल्मोड़ा/ अल्मोड़ा नगर निगम परिसर स्थित जन सुविधा केंद्र में बीते कई महीनों से खाता-खतौनी, जीवित प्रमाण पत्र जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं बाधित हैं। 16 नवंबर 2024 से यह सेवाएं पूरी तरह से ठप पड़ी हैं जिसके चलते स्थानीय नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति तब पैदा हुई जब तत्कालीन जिलाधिकारी वंदना सिंह ने इस केंद्र की स्थापना के दौरान आश्वासन दिया था कि वे इसकी नियमित निगरानी करेंगी और हर सप्ताह निरीक्षण करेंगी। परन्तु उनके स्थानांतरण के बाद यह केंद्र प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार हो गया।
शिकायतकर्ता के मुताबिक यहां जन सुविधा केंद्र नगर पालिका अल्मोड़ा में किसी दस्तावेज़ के आवेदन हेतु बीच में लाइट चले जाने के कारण पुनः आवेदन करना पड़ता है पुनः आवेदन करने के कारण बार-बार शुल्क जमा करना पड़ रहा है इस कारण आवेदक बहुत परेशान है। उक्त संबंध में संबंधित विभाग द्वारा नए कंप्यूटर सिस्टम और नए यूपीएस सिस्टम लगाने की बात कई बार कही गई थी जो कि आज तक नहीं लग पाए हैं जिस कारण अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यदि नए सिस्टम लग जाए तो फिर लाइट का जाना कार्यवाही में बाधा नहीं डाल सकता इसलिए इस प्रकरण में संज्ञात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए जिससे कि यह समाप्त हो सके और आम जनता परेशान ना हो।
सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे के निरंतर प्रयासों से जन सुविधा केंद्र की स्थापना हुई थी। सबसे पहले इन्हीं के द्वारा इस केंद्र की आवश्यकता को उजागर किया गया और इसके लिए लगातार प्रशासन से मांग की गई। पिछले वर्ष नए कंप्यूटर सिस्टम और प्रिंटर भी संजय पाण्डे के प्रयासों से ही स्थापित किए गए थे। इसको लेकर उन्होंने तत्कालीन जिलाधिकारी विनीत तोमर के खिलाफ मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और देहरादून स्थित उच्चाधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई थी। मामला रेवेन्यू बोर्ड तक पहुंचने के बाद ही जीवित प्रमाण पत्र बनने शुरू हुए थे।
प्रशासनिक लापरवाही का शिकार हुआ बना सुविधा केंद्र-
अब फिर से यह केंद्र प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक बन चुका है। संजय पाण्डे का कहना है कि बार-बार उन्हें ही शिकायत दर्ज करानी पड़ती है।
लेकिन उच्च अधिकारी इस केंद्र पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस बार भी संजय पाण्डे ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई है जिसका क्रमांक CHML 220258691666 है। इसके साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी से फोन पर वार्ता भी की है और तुरंत समाधान की मांग की है।
कुमाऊं कमिश्नर को भी की गई शिकायत
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संजय पाण्डे ने कुमाऊं कमिश्नर को भी इस समस्या से अवगत करवाया। कुमाऊं कमिश्नर ने आश्वस्त किया है कि वे अपने स्तर से इस मामले को दिखवाएंगे और जल्द ही आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
सुझाव एवं समाधान
जन सुविधा केंद्र को सॉफ्टवेयर की स्थिर और सुरक्षित कॉपी उपलब्ध कराई जाए जिससे तकनीकी खराबी के कारण कार्य प्रभावित न हो।
जिलाधिकारी नगर निगम परिसर में या मल्ला महल में सप्ताह में दो दिन कैंप कार्यालय स्थापित करें और इस केंद्र की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें ताकि दूर-दराज से आने वाले नागरिकों को राहत मिल सके। अगर इस समस्या का स्थाई समाधान नहीं किया गया तो यह मामला सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा। जनता की मूलभूत आवश्यकताओं को लेकर इस प्रकार की लापरवाही किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं होगी। जनता को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखना प्रशासन की गंभीर असफलता है। अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो इस मुद्दे को और ऊंचे स्तर पर उठाया जाएगा।