आदि कैलाश यात्रा का हुआ आगाज, श्रधालुओं में दिखाई दिया जबरदस्त उत्साह।

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि नैनीताल

हल्द्वानी/ कुमाऊं मंडल विकास निगम के द्वारा संचालित आदि कैलाश यात्रा आज़ से शुरू हो गयी है। आदि कैलाश यात्रा को लेकर भोले के भक्तों में भारी उत्साह हैं पहला दल आज 4 मई को काठगोदाम से पिथौरागढ़ टीआरसी के लिए रवाना हो गया हैं। कुमाऊं मंडल विकास निगम 1990 से आदि कैलाश यात्रा आयोजित करा रहा है। पहले इस यात्रा के लिए सड़क न होने के चलते आवागमन में लगभग 200 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। अब भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार के संयुक्त प्रयासों और सीमा सड़क संगठन के सानिध्य में नावीढांग एवं जोलीकांग तक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य चल रहा है। जिससे यात्रियों को लगभग दो किलोमीटर से अधिक पैदल नहीं चलना होगा। पहले दल में 9 महिलाओं सहित 19 यात्री शामिल हैं। इसके अलावा निगम के गाइड शामिल हैं। कुमाऊँ मंडल विकास निगम के अतिथि गृह में यात्रियों का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया कुमाऊँ मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक दिनेश तोमर में यात्री दल को हरी झंडी देकर पिथौरागढ़ के लिए रवाना किया इस अवसर पर उन्होंने यात्रियों के सुखद यात्रा की कामना की आदि कैलाश यात्रा को लेकर भोले के श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह है।

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कुमाऊं मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक विनीत तोमर के अनुसार सबसे अच्छी बात तो यह है कि अभी मौसम पूरी तरह से खुला हुआ है और पहाड़ी इलाकों में भी फिलहाल मौसम साफ है इस साल कुल 34 दल आदि कैलाश की यात्रा करेंगे 20 दल जून माह में आदि कैलाश भेजे जाएंगे जबकि बाकी 14 दल मानसून के बाद सितंबर अक्टूबर महीने में आदि कैलाश के दर्शन के लिए जाएंगे यात्रा में हेल्थ चेक अप समेत अन्य सुविधाओं का ध्यान रखा गया है।

क्या हैं आदि कैलाश का महत्व

स्कंद पुराण के मानस खंड में आदि कैलाश एवं ॐ पर्वत की यात्रा को कैलाश मानसरोवर यात्रा के बराबर ही प्रमुखता दी गई है।

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पिथौरागढ़ जिले में भारत तिब्बत सीमा के समीप स्थित आदि कैलाश जो कैलाश पर्वत की छवि है। मान्यता है कि आदि कैलाश पर भी समय-समय पर भोले बाबा का निवास रहा है। पास ही स्थित पार्वती सरोवर में माता पार्वती का स्नान स्थल हुआ करता था। ॐ पर्वत तीन देशों की सीमाओं लगा हुआ है। इस जगह के धार्मिक एवं पौराणिक महत्व का वर्णन महाभारत, रामायण जैसे ग्रंथों में मिलता है।

इन धार्मिक पड़ावों से होके गुजरेंगे श्रद्धालु

आदि कैलास एवं ॐ पर्वत यात्रा सिर्फ़ दो स्थानों की नहीं बल्कि अनेक धार्मिक तीर्थों को समेटे हैं। नैनीताल जिले के काठगोदाम से आठ दिनों में होने वाली यह यात्रा नीम करोली बाबा आश्रम कैंची धाम, चितई गोलू मंदिर, जागेश्वर धाम, पार्वती मुकुट, ब्रह्मा पर्वत, शेषनाग पर्वत, शिव मंदिर, पार्वती सरोवर, गौरीकुंड, पाताल भुवनेश्वर,

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महाभारत काल के बहुत से स्थानों जैसे पांडव किला, कुंती पर्वत, पांडव पर्वत एवं वेदव्यास गुफा से होकर गुजरेगी। खूबसूरत पहाड़ियों से घिरे, नैसर्गिक दृश्यों से परिपूर्ण, मन को रोमांचित करने वाली इस यात्रा को बेहतर व सुविधाजनक बनाने के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम और संस्था की ओर से यात्रा में हवन पूजा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन का भी प्रावधान किया गया है। यात्रा में यात्री पहाड़ी ब्यजनों का भी लुत्फ़ उठा पायेंगे।

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