टिहरी/ शादी में साथ जीने-मरने की कसम खाने वाले तो आपको अक्सर हर जगह नजर आते हैं परन्तु इन कसमों को निभाने वाले कोई बिरले ही होते हैं शादी के मंडप पर जन्म-जन्म का साथ निभाने की शपथ को निभाने वाली ऐसी ही एक जोड़ी देखने को मिली उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के घनसाली क्षेत्र के ग्राम मज्याडी पट्टी नैलचामी में साक्षात देखने को मिला
यहां 81 वर्षीय सतेश्वर अंथवाल बहुत लंबे वक्त से बिमार चल रहे थे जिनका 2 दिसंबर को निधन हो गया परन्तु हैरानी की बात यह है की उनकी 70 वर्षीय धर्मपत्नी कोलेश्वरी देवी जो एकदम स्वस्थ थी लेकिन पति के मरने के तुरंत बाद उसने भी प्राण त्याग दिए जो पूरे क्षेत्र में एक चर्चा का विषय बना हुआ है लोग कह रहे की शादी के समय सात फेरों में जो एक साथ जीने मरने की कसम खाई थी वह हकीकत में निभा गई है कोई इसे सच्चा प्यार बता रहा है।
तो कोई कह रहा है कि उनकी किस्मत में विधवा रहने का कष्ट नहीं था तो कोई देवीय चमत्कार करार दे रहा है लेकिन इस कलयुग में ऐसी घटनाएं काल्पनिक लगती हैं उनके दामाद भटवाड़ा नैलचामी निवासी पंडित अरविंद शास्त्री ने बताया कि उनकी शादी किए हुए 53 वर्ष पूरे हो गए थे अक्सर दोनों आपस में बहुत लड़ते झगड़ते थे लेकिन एक दूसरे के लिए
दिल में बहुत प्रेम था शास्त्री ने कि वह पूर्व अध्यापक थे जिस तरह दोनों ने एक साथ प्राण त्यागे और एक साथ दोनों की चिता जली वह उनके अच्छे कर्मों का फल है।