


NEWS 13 प्रतिनिधि देहरादून:-
पूर्व मुख्यमंत्री सांसद व वर्तमान में महाराष्ट्र के गवर्नर भगतसिंह कोश्यारी के सलाहकार से लेकर सीएम तक का सफर सबसे और उत्तराखंड के अब तक बने मुख्यमंत्रियों में सबसे युवा मुख्यमंत्री बनने जा रहे पुष्कर सिंह धामी ऊधम सिंह नगर की खटीमा विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बने पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का 11 वा मुख्यमंत्री बनाया गया है।
46 साल के पुष्कर सिंह धामी बीजेपी के युवा नेता हैं। पुष्कर सिंह धामी का जन्म साल 16 सितंबर 1975 को उस समय के उत्तरप्रदेश राज्य के सीमांत जिले पिथौरागढ़ की डीडीहाट तहसील के टुण्डी गांव में हुआ है। धामी का ताल्लुक सैन्य परिवार से रहा है और वे तीन बहनों के एकलौते भाई हैं उनके पिता पूर्व सैनिक थे।
धामी की शुरुआती शिक्षा गांव में ही हुई और हायर एजुकेशन लखलऊ यूनिवर्सिटी से की है। पुष्कर धामी मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। धामी को पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का करीबी नेता माना जाता है। धामी की छवि एक निर्विवाद नेता की रही है। धामी के लिए उत्तराखंड के मुखिया की कुर्सी वर्तमान परिपेक्ष्य में आसान रहने वाली भी नहीं है। क्योंकि उन्हें अपने से बहुत वरिष्ठ विधायकों के साथ ही ब्यूरोक्रेसी से भी सामंजस्य बनाना होगा सरकार चलाने का अनुभव नहीं होनाभी धामी के आड़े आ सकता है।
एबीवीपी में विभिन्न पदों में रहे पुष्कर सिंह धामी साल 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों में रहे। इसी दौरान अलग-अलग पदों के साथ-साथ प्रदेश मंत्री के रूप में लखनऊ में हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन में संयोजक की भूमिका निभाई थी। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद धामी उस वक्त के मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के सलाहकार रहे। धामी 2002 से 2008 के बीच लगातार दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। धामी उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद भी रहे हैं। पुष्कर सिंह धामी 2012 में खटीमा से विधायक चुने गए और उसके बाद 2017 में फिर दुबारा विधायक निर्वाचित हुए।
उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री होगें पुष्कर सिंह धामी के बहाने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने साल 2022 में होने वाले चुनावों से पहले युवाओं को लुभाने के लिए एक बड़ा दांव चला है। धामी 46 साल के युवा हैं। 57 विधायकों की संख्या होने के बावजूद भी बीजेपी राज्य को तीसरा मुख्यमंत्री देने जा रही है।
ऐसे में भाजपा की ओर ज्यादा किरकिरी न हो इसलिए धामी पर दांव खेला गया है इसके साथ ही धामी से पहले बने दो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत का संबंध गढ़वाल से रहा है। साथ ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का संबंध गढ़वाल मंडल के हरिद्वार जिले से है। ऐसे में बीजेपी आलाकमान ने राजपूत बिरादरी से संबंध रखने वाले कुमाऊं के नेता पुष्कर सिंह धामी पर बड़ा दांव खेलना सही समझा है। जिससे कुमाऊं और गढ़वाल का समीकरण साधा जा सके।



